Chanakya
Neeti : Ninth Chapter
चाणक्य नीति : नवाँ अध्याय
SRI CHANAKYA NITI-SASTRA
(THE POLITICAL WISDOM OF CHANAKYA PANDIT)
CHAPTER NINE
चाणक्य नीति : नवाँ अध्याय
SRI CHANAKYA NITI-SASTRA
(THE POLITICAL WISDOM OF CHANAKYA PANDIT)
CHAPTER NINE
1. तात, यदि तुम जन्म मरण के चक्र से मुक्त होना
चाहते हो तो जिन विषयों के पीछे तुम इन्द्रियों की संतुष्टि के लिए भागते फिरते हो
उन्हें ऐसे त्याग दो जैसे तुम विष को त्याग देते हो. इन सब को छोड़कर हे तात
तितिक्षा, ईमानदारी का आचरण, दया, शुचिता और सत्य इसका अमृत पियो.
My dear child, if you
desire to be free from the cycle of birth and death, then abandon the objects
of sense gratification as poison. Drink instead the nectar of forbearance,
upright conduct, mercy, cleanliness and truth.
2. वह
कमीने लोग जो दूसरों की गुप्त खामियों को उजागर करते हुए फिरते है, उसी तरह नष्ट हो जाते है जिस तरह कोई साँप
चीटियों के टीलों में जा कर मर जाता है.
Those base men who
speak of the secret faults of others destroy themselves like serpents that
stray onto anthills.
3. शायद किसी
ने ब्रह्मा जी, जो इस
सृष्टि के निर्माता है, को यह
सलाह नहीं दी की वह ...
सुवर्ण को सुगंध प्रदान
करे.
गन्ने के झाड़ को फल
प्रदान करे.
चन्दन के वृक्ष को फूल
प्रदान करे.
विद्वान् को धन प्रदान
करे.
राजा को लम्बी आयु प्रदान
करे.
Perhaps nobody has
advised Lord Brahma, the creator, to impart perfume to gold; fruit to the
sugarcane; flowers to the sandalwood tree; wealth to the learned; and long life
to the king.
4. अमृत
सबसे बढ़िया औषधि है.
इन्द्रिय सुख में अच्छा
भोजन सर्वश्रेष्ठ सुख है.
नेत्र सभी इन्द्रियों में
श्रेष्ठ है.
मस्तक शरीर के सभी भागों में
श्रेष्ठ है.
Nectar (amrita) is the
best among medicines; eating good food is the best of all types of material
happiness; the eye is the chief among all organs; and the head occupies the
chief position among all parts of the body.
5. कोई
संदेशवाहक आकाश में जा नहीं सकता और आकाश से कोई खबर आ नहीं सकती. वहाँ रहने वाले लोगों
की आवाज सुनाई नहीं देती. और उनके साथ कोई संपर्क नहीं हो सकता. इसीलिए वह
ब्राह्मण जो सूर्य और चन्द्र ग्रहण की भविष्य वाणी करता है, उसे विद्वान मानना चाहिए.
No messenger can travel
about in the sky and no tidings come from there. The voice of its inhabitants
is never heard, nor can any contact be established with them. Therefore the
brahmana who predicts the eclipse of the sun and moon, which occur in the sky,
must be considered as a vidwan (man of great learning).
6. इन
सातो को जगा दे यदि ये सो जाए...
१. विद्यार्थी २. सेवक ३. पथिक ४. भूखा आदमी
५. डरा हुआ आदमी ६. खजाने का रक्षक ७. खजांची
The student, the
servant, the traveller, the hungry person, the frightened man, the treasury
guard, and the steward: these seven ought to be awakened if they fall asleep.
7. इन
सातो को नींद से नहीं जगाना चाहिए...
१. साँप २. राजा ३. बाघ ४. डंक करने वाला
कीड़ा ५. छोटा बच्चा ६. दूसरों का कुत्ता ७. मूर्ख
The serpent, the king,
the tiger, the stinging wasp, the small child, the dog owned by other people, and
the fool: these seven ought not to be awakened from sleep.
8. जिन्होंने
वेदों का अध्ययन पैसा कमाने के लिए किया और जो नीच काम करने वाले लोगों का दिया
हुआ अन्न खाते है उनके पास कौनसी शक्ति हो सकती है. वह ऐसे भुजंगों के समान है जो
दंश नहीं कर सकते.
Of those who have
studied the Vedas for material rewards, and those who accept foodstuffs offered
by shudras, what potency have they? They are just like serpents without fangs.
9. जिसके डांटने
से सामने वाले के मन में डर नहीं पैदा होता और प्रसन्न होने के बाद जो सामने वाले
को कुछ देता नहीं है. वह ना किसी की रक्षा कर सकता है ना किसी को नियंत्रित कर
सकता है. ऐसा आदमी भला क्या कर सकता है.
He who neither rouses
fear by his anger, nor confers a favour when he is pleased can neither control
nor protect. What can he do?
10. यदि
नाग अपना फना खड़ा करे तो भले ही वह जहरीला ना हो तो भी उसका यह करना सामने वाले के
मन में डर पैदा करने को पर्याप्त है. यहाँ यह बात कोई मानना नहीं रखती की वह
जहरीला है की नहीं.
The serpent may,
without being poisonous, raise high its hood, but the show of terror is enough
to frighten people -- whether he be venomous or not.
11. सुबह उठ
कर दिन भर जो दाव आप लगाने वाले है उसके बारे में सोचे. दोपहर को अपनी माँ को याद
करे. रात को चोरों को ना भूले.
Wise men spend their
mornings in discussing gambling, the afternoon discussing the activities of
women, and the night hearing about the activities of theft. (The first item
above refers to the gambling of King Yudhisthira, the great devotee of Krsna.
The second item refers to the glorious deeds of mother Sita, the consort of
Lord Ramachandra. The third item hints at the adorable childhood pastimes of
Sri Krsna who stole butter from the elderly cowherd ladies of Gokula. Hence
Chanakya Pandita advises wise persons to spend the morning absorbed in
Mahabharata, the afternoon studying Ramayana, and the evening devotedly hearing
the Srimad-Bhagvatam.)
12. आपको
इन्द्र के समान वैभव प्राप्त होगा यदि आप..
अपने भगवान के गले की माला
अपने हाथों से बनाये.
अपने भगवान के लिए चन्दन
अपने हाथों से घिसे.
अपने हाथों से पवित्र ग्रंथों
को लिखे.
By preparing a garland
for a Deity with one's own hand; by grinding sandal paste for the Lord with
one's own hand; and by writing sacred texts with one's own hand -- one becomes
blessed with opulence equal to that of Indra.
14. गरीबी पर धैर्य से मात करे. पुराने वस्त्रों को स्वच्छ रखे. बासी
अन्न को गरम करे. अपनी कुरूपता पर अपने अच्छे व्यवहार से मात करे.
Poverty is set off by fortitude; shabby garments by keeping them clean;
bad food by warming it; and ugliness by good behaviour.