आचार्य चाणक्य - Patriotism alone can Unite a diverse Society - Responsibility of a Teacher to inculcate National  Pride
आचार्य चाणक्य
एक बंटे हुए समाज को केवल राष्ट्रिय भावना ही संगठित कर सकती है।
रष्ट्रिय सम्मान को समाज में जागृत करने में शिक्षकों की भूमिका।